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ग्रह शांति या ग्रह जप
मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वंदना है। इस मंत्र में शिव को 'मृत्यु को जीतने वाला' बताया गया है।
2100
मूल शांति
मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये यो भा भी के नाम से जाना जाता है। नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। केतु गुरु धनु राशि में उच्च का होता है व इसकी दशा 7 वर्ष की होती है। इस के बाद सर्वाधिक 20 वर्ष की दशा शुक्र की लगती है जो इनके जीवन में इन्ही दशाओं का महत्व अधिक होता है।
7500
महामृत्युजय मंत्र जप
मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र") जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वंदना है। इस मंत्र में शिव को 'मृत्यु को जीतने वाला' बताया गया है।
2100
मांगलिक दोष निवारण
मंगल दोष को कुछ लोग मांगलिक दोष भी कहते हैं। जिन लोगों को मंगल दोष होता है उनकी शादी में बेहद परेशानियां आती हैं। इस दोष के विभिन्न शास्त्रों में मिलने वाले दुष्परिणामों और चेतावनियों की वजह से आम आदमी में इसे लेकर कई भ्रांतियां भी हैं। यहां यह बात विशेष ध्यान देने वाली है कि मांगलिक स्त्री-पुरुष से विवाह होने पर हमेशा परिणाम अशुभ नहीं होते।
4100
काल सर्प दोष निवारण
कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। व्यावहारिक रूप से पीड़ित व्यक्ति आर्थिक व शारीरिक रूप से परेशान तो होता ही है, मुख्य रूप से उसे संतान संबंधी कष्ट होता है।
9000
पितर शांति
नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह माना जाता है कि पितृ दोष योग बन रहा है। शास्त्र के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है। व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो इन सब दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है।
15000
गायत्री जाप
गायत्री महामंत्र वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है जिसकी महत्ता ॐ के लगभग बराबर मानी जाती है। यह यजुर्वेद के मंत्र ॐ भूर्भुवः स्वः और ऋग्वेद के छंद 3.62.10 के मेल से बना है। इस मंत्र में सवित्र देव की उपासना है इसलिए इसे सावित्री भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है।
21500
वास्तु मंत्र जप
घर बनवाते समय जाने अनजाने ऐसी गलती हो जाती है जिससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। इसके अलावा कई बार घर की साज सजावट और घर में रखे सामानों से भी वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। वास्तु दोष का असर कम करने के लिए वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं, इनमे से एक है वास्तु मंत्र। वास्तु दोष दूर करने के लिए इन 8 मंत्रों की भी मदद ली जा सकती है।
2100
रंद्राभिषेक
भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही ग्रह जनित दोषों और रोगों से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है। रूद्रहृदयोपनिषद अनुसार शिव हैं अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं।
2100
सत्यनारायण कथा
सत्यनारायण भगवान की कथा लोक में प्रचलित है। हिंदू धर्मावलंबियो के बीच सबसे प्रतिष्ठित व्रत कथा के रूप में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की सत्यनारायण व्रत कथा है। कुछ लोग मनौती पूरी होने पर, कुछ अन्य नियमित रूप से इस कथा का आयोजन करते हैं। सत्यनारायण व्रतकथाके दो भाग हैं, व्रत-पूजा एवं कथा। सत्यनारायण व्रतकथा स्कंदपुराण के रेवाखंड से संकलित की गई है।
2100
बालक जन्म दिवस पूजा
मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र") जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वंदना है। इस मंत्र में शिव को 'मृत्यु को जीतने वाला' बताया गया है।
2100
कुआं पूजन
हमारे हिन्दू धर्म में हर रस्म के पीछे कोई न कोई धर्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व छुपा होता है माना जाता है की जल ही जीवन है शायद इसलिए किसी भी शुभ कार्य में कुआँ पूजा को बहुत शुभ माना जाता है शादी ब्याह हो या घर में बच्चे का जन्‍म इन सब अवसरों पर कुआँ पूजन शुभ माना जाता है इस रस्म को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है यह रस्म कई मोकों पर की जाती है जैसे शादी ब्याह या घर में बच्चे के जन्म के समय कुआँ पूजन किया जाता है
2100
मांगलिक दोष निवारण विवाह
मंगल दोष को कुछ लोग मांगलिक दोष भी कहते हैं। जिन लोगों को मंगल दोष होता है उनकी शादी में बेहद परेशानियां आती हैं। इस दोष के विभिन्न शास्त्रों में मिलने वाले दुष्परिणामों और चेतावनियों की वजह से आम आदमी में इसे लेकर कई भ्रांतियां भी हैं। यहां यह बात विशेष ध्यान देने वाली है कि मांगलिक स्त्री-पुरुष से विवाह होने पर हमेशा परिणाम अशुभ नहीं होते।
4100
ग्रह प्रवेश
गृह प्रवेश के लिये दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान मे रखते हुए, गृह प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण किया जाता है। गृह प्रवेश के लिये शुभ मुहूर्त का ध्यान जरुर रखें। इस सब के लिये एक विद्वान ब्राह्मण की सहायता लें, जो विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर गृह प्रवेश की पूजा को संपूर्ण करता है।
33100
विवाह दोष निवारण पूजा
विवाह बाधा एवं मंगल दोष निवारण डाॅ. गीता शर्मा? विवाह क े सदं र्भ म ंे वर एवं कन्या के माता-पिता मंगल दोष के भय से सदैव आक्रांत रहते हैं। जन-मानस में मंगल दोष का भय इतना अधिक व्याप्त है कि मंगली कन्या के माता-पिता कन्या हेतु मंगली वर खोजते हैं। इस कारण भी कन्या के विवाह में विलंब होता है। मंगल दोष के कुप्रभाव को मनीषियों व ज्योतिर्विदों ने इतना महिमा मंडित किया है कि इस दोष के कारण बहुत सी कन्याओं को आजन्म कुंआरी ही रहना पड़ जाता है।
5100


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